22 जनवरी को ही राम प्राण प्रतिष्ठा क्यों, जानिए पूरी सच्चाई
22 जनवरी को ही राम प्राण प्रतिष्ठा क्यों, जानिए पूरी सच्चाई
22 जनवरी को “राम प्राण प्रतिष्ठा” का त्योहार है क्योंकि इस दिन भगवान राम का अवतारण हुआ था, जो हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण माना जाता है। यह एक पारंपरिक धार्मिक उत्सव हो सकता है जिसे लोग भगवान राम के जीवन और उनकी महिमा की स्मृति में मनाते हैं।
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श्रीराम अवतार
राम, हिन्दू धर्म के एक प्रमुख देवता हैं और उन्हें ‘मर्यादा पुरुषोत्तम’ यानी ‘सबसे श्रेष्ठ मानव’ कहा जाता है। वे ‘रामायण’ में विविधता से चित्रित हैं, जिसे महर्षि वाल्मीकि ने लिखा।
राम का जन्म अयोध्या में हुआ था और उनके जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा उनके पत्नी सीता और भक्त हनुमान के साथ लंका के राक्षस राजा रावण के खिलाफ युद्ध में था। राम के चरित्र में नैतिकता, धर्म, और प्रेम के मूल्यों की प्रमाणिता है, जिससे वे भारतीय सामाजिक और धार्मिक सांस्कृतिक के मध्य एक महत्वपूर्ण प्रतीक बने हैं।
भगवान राम, हिन्दू धर्म के एक प्रमुख अवतार, एक महाकाव्य का मुख्य पात्र हैं जो भक्ति, धर्म, और मौन के प्रती अपनी अद्वितीय प्रेरणा के लिए जाने जाते हैं।
**1. अवतारण की कथा:**
राम अवतार का प्रारंभ ऋषि विश्वामित्र के यज्ञ में धनुष ब्रह्म में धनुषधारी क्षत्रिय के रूप में हुआ था।
**2. बचपन से शिक्षा:**
राम ने अपने गुरु वशिष्ठ के आश्रम में अपने बचपन का समय बिताया और वहां धर्म, योग, और विज्ञान की शिक्षा प्राप्त की।
**3. सीता हरण और लंका दहन:**
राम की पत्नी सीता का हरण राक्षस रावण ने किया था, जिसने राम को लंका यात्रा करने पर मजबूर किया। राम ने उसे मारकर और धरती को लंका दहन करके अपनी पत्नी को वापस पाया।
**4. अयोध्या लौटकर राज्याभिषेक:**
राम ने अपने वनवास के बाद अयोध्या लौटकर राज्याभिषेक किया, जिससे वह धर्मयुद्ध के आदर्श बने।
**5. रामराज्य:**
राम के शासनकाल को “रामराज्य” कहा जाता है, जो न्याय, सत्य, और समृद्धि के साथ युक्त था।
**6. महाभारत में राम:**
राम का उल्लेख महाभारत में भी है, जहां उन्हें धर्म के प्रति अपने प्रतिबद्धता के लिए जाना जाता है।
**7. आध्यात्मिक संदेश:**
रामायण रचना में छिपे आध्यात्मिक संदेशों के माध्यम से भगवान राम ने मानवता को एक उच्चतम मानवीय आदर्श का पाठ प्रदान किया।
राम अवतार एक अद्वितीय पुरुषार्थ, धरोहर, और आदर्श पुरुष की प्रतिष्ठा में बना है, जो हमें धर्म, कर्तव्य, और सत्य का मार्ग दिखाते हैं।