Madgaon Express Review:
साल था 2001 जब यें किसी ने नहीं सोचा होगा कि फरहान अख्तर अपने डायरेक्टोरियल डेब्यू के जरिये गोवा से रिलेटेड एक फ्रेश कहानी ले कर आयेंगे जिसके बाद लोगो में गोवा जाने की ख्वाहिश बढ़ जाएगी। गोवा टूरिज्म शायद आज तक फरहान को इसके लिए धन्यवाद कहता होगा, जी हां हम बात कर रहे हैं फिल्म ‘दिल चाहता है की’। इसके बाद गोवा से रिलेटेड कई फिल्में आनी शुरू हो गई और गोवा लोगो का पसंदीदा घूमने का डेस्टिनेशन बन गया। “दिल चाहता है” देखकर कोई अपने दोस्तों के साथ घूमने जाता तो वही “हनीमून ट्रैवेल्स प्राइवेट लिमिटेड” देखकर हनीमून पर।
कैसी है फिल्म की कहानी?
कहानी मुंबई के तीन दोस्त आयुष (अविनाश तिवारी) पिकु ( प्रतीक गांधी ) और डोडो ( देव्येंदु शर्मा ) की हैं जिन्हें बचपन से गोवा घूमने का बड़ा मन होता है। बड़े होते होते पिकु और आयुष काम के सिलसिले में कनाडा और केप टाउन शिफ्ट हो जाते हैं। इधर डोडो मुंबई में अपने दोस्तों की याद में सेलिब्रिटीज के साथ फेक मॉर्फड फोटो बनाने का काम करने लगता है।
वो इन फोटो को अपने सोशल मीडिया पर डालता है और दिखाने की कोशिश करता है कि वो भी किसी सेलिब्रिटी से कम नहीं है। एक दिन आयुष और पिकु मुंबई आने का प्लान करते हैं जहां वो अपने दोस्त डोडो के घर रुकें। लेकिन डोडो है कि उन्हें मुंबई नहीं बल्कि गोवा चलने के लिए कहता है। डोडो अपने दोनों दोस्तों को ट्रेन से गोवा जाने पर मजबूर करता है।