लोकसभा चुनाव प्रक्रिया की तरह राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षाओं के आयोजन का प्रस्ताव
लोकसभा चुनाव प्रक्रिया की तरह राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षाओं के आयोजन का प्रस्ताव
National Entrance Tests: लोकसभा चुनाव प्रक्रिया की तरह राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षाओं के आयोजन का प्रस्ताव
आम चुनाव की तरह नीट, सीयूईटी और यूजीसी नेट जैसी महत्वपूर्ण प्रवेश परीक्षाओं का आयोजन राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षाएं आयोजित करवाने का प्रस्ताव दिया गया है लोकसभा चुनाव प्रक्रिया के तरह ही इन परीक्षाओं के आयोजन के लिए समान रूप रेखा तैयार की जानी चाहिए।
पूर्व इसरो प्रमुख के राधा कृष्ण के अध्यक्षता में शिक्षा मंत्रालय के द्वारा एक कमेटी गठित की गई थी इस कमेटी के द्वारा प्रदर्शित सुनिश्चित करने के लिए आम चुनाव की तरह नीट सीयूईटी और यूजीसी नेट जैसी महत्वपूर्ण प्रवेश परीक्षाएं यानि राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षाओं को आयोजित करने का प्रस्ताव वर्तमान में दिया गया है पैनल द्वारा वर्तमान में सुझाव दिया गया है कि इन परीक्षाओं की आयोजन के तहत राज्य सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार को भी इसके अंदर सहयोग करना चाहिए लोकसभा चुनाव प्रक्रिया की तरह ही इन प्रक्रियाओं के आयोजन के लिए एक समान रूप रेखा तैयार की जानी चाहिए जिसमें सरकार की तरफ से जिला कलेक्टर तक पूरे राज्य प्रशासनिक तंत्र को शामिल किया जाता है।
कमेटी की तरफ से बताया गया है कि हर परीक्षा के अंदर पर एनटीए का एक प्रीसाइडिग ऑफिसर होना चाहिए जो ओवरऑल इंचार्ज होगा इस ऑफिसर की यह जिम्मेदारी रहेगी कि इस प्रक्रिया निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार हो ठीक उसी तरह जैसे मतदान केदो को मैनेज किया जाता है यानी कि कमेटी चाहती है कि लोकसभा चुनाव की तर्ज पर ही निर्धारित पोर्टल कॉल के तहत सभी लोग इसमें एक साथ जूते और एनटीए पर सभी नेशनल लेवल के एंट्रेंस एग्जाम आयोजित करवाने की जिम्मेदारी वर्तमान में है।
पैनल द्वारा यह भी सुझाव दिया गया है कि जैसा कि चुनाव के दौरान इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों वाले कमरों को मतदान अधिकारियों और उम्मीदवारों के प्रतिनिधियों के उपस्थिति में सील किया जाता है और मतदान के दिन उनकी सुरक्षा की जाती है इस तरह परीक्षा से पहले ही जिला प्रशासन और पुलिस की उपस्थिति में टेस्टिंग सेंटर को सील किया जाना चाहिए और उसके बाद में परीक्षा के लिए टेस्टिंग सेंटर को अनशील करने तक प्रशासन और एनटीए अधिकारियों द्वारा इन केदो की हिफाजत की जानी चाहिए।
कमेटी के द्वारा स्पष्ट रूप से बताया गया है कि इस प्रक्रिया के लिए राज्य और जिलों के सहयोग किया जाना चाहिए पैनल ने राज्य और जिला स्तरीय समन्वय कमेटी की स्थापना करने की बात भी सामने रखी है इसके अलावा सभी की भूमिका को लेकर सुझाव भी दिया है स्टेट लेवल कमेटी का नेतृत्व नोडल अधिकारी द्वारा किया जाएगा जिसे चीफ सेक्रेटरी द्वारा नॉमिनेट किया जाएगा इसके साथ ही राज्य पुलिस का एक प्रतिनिधि एक सहायक खुफिया ब्यूरो अधिकारी, एक स्टेट लेवल एनआईसी यानि राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र अधिकारी और एनटीए डायरेक्टर जनरल द्वारा नामित एक नोडल अधिकारी बीच में शामिल किया जाएगा।